वैधर्म्य: Difference between revisions
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Revision as of 16:25, 6 October 2014
- स.भं.त./५३/३–वैधर्म्यं च साध्याभावाधिकरणावृत्तित्वेन निश्चितत्वम्। = साध्य के अभाव के अधिकरण में जिसका अवृत्तित्व अर्थात् न रहना निश्चित हो उसको वैधर्म्य कहते हैं।
- उदाहरण का एक भेद–देखें - उदाहरण।