मृत्यु: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) रावण का सामन्त । यह व्याघ्ररथ पर आरूढ़ होकर रावण की ओर से युद्ध करने घर से निकला था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 57. 49 </span></p> | |||
<p id="2">(2) जीवों के प्राणों का विसर्जन । जीव को अपने मरण का पूर्व बोध नहीं हो पाता, पलभर में वह निष्प्राण हो जाता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 115.55 </span></p> | |||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें मरण ।
पुराणकोष से
(1) रावण का सामन्त । यह व्याघ्ररथ पर आरूढ़ होकर रावण की ओर से युद्ध करने घर से निकला था । पद्मपुराण 57. 49
(2) जीवों के प्राणों का विसर्जन । जीव को अपने मरण का पूर्व बोध नहीं हो पाता, पलभर में वह निष्प्राण हो जाता है । पद्मपुराण 115.55
(3) हरिविक्रम भीलराज का सेवक । महापुराण 75. 478-481