पांडव पुराण: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| <ol> | ||
<li> देवप्रभ सूरि (वि. | <li> देवप्रभ सूरि (वि.1270) कृत मूल पाण्डव पुराण के आधार पर भट्टारक शुभ चन्द्र (वि. 1608, ई. 1551) द्वारा रचित, 25 पर्वों में विभक्त 5104 श्लोक प्रमाण संस्कृत छन्द बद्ध ग्रन्थ (ती./3/367)। </li> | ||
<li> यशः कीर्ति (वि. | <li> यशः कीर्ति (वि. 1535-1613) कृत अपभ्रंश काव्य। (ती./3/411)। </li> | ||
<li> वादि चन्द्र (ई. | <li> वादि चन्द्र (ई.1601) कृत। </li> | ||
</ol | </ol> | ||
[[पांडव | | <noinclude> | ||
[[ पांडव | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:प]] | [[ पांडु | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: प]] |
Revision as of 21:43, 5 July 2020
- देवप्रभ सूरि (वि.1270) कृत मूल पाण्डव पुराण के आधार पर भट्टारक शुभ चन्द्र (वि. 1608, ई. 1551) द्वारा रचित, 25 पर्वों में विभक्त 5104 श्लोक प्रमाण संस्कृत छन्द बद्ध ग्रन्थ (ती./3/367)।
- यशः कीर्ति (वि. 1535-1613) कृत अपभ्रंश काव्य। (ती./3/411)।
- वादि चन्द्र (ई.1601) कृत।