पेय: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| == सिद्धांतकोष से == | ||
अन.ध./7/3 जलादिकम् पेयं। = जल, दुग्धादि पदार्थ पेय कहे जाते हैं। (ला.सं./2/17)। | |||
[[पृष्ठक | | <noinclude> | ||
[[ पृष्ठक | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:प]] | [[ पेशि | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: प]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p> आहार योग्य पदार्थों के पांच भेदों में (भक्ष्य, भोज्य, पेय, लेह्य और चूष्य) एक भेद । शीतल, जल, मिश्रित जल और मद्य के भेद से यह तीन प्रकार का होता है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 24.53-54 </span></p> | |||
<noinclude> | |||
[[ पृष्ठक | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ पेशि | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: प]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == अन.ध./7/3 जलादिकम् पेयं। = जल, दुग्धादि पदार्थ पेय कहे जाते हैं। (ला.सं./2/17)।
पुराणकोष से
आहार योग्य पदार्थों के पांच भेदों में (भक्ष्य, भोज्य, पेय, लेह्य और चूष्य) एक भेद । शीतल, जल, मिश्रित जल और मद्य के भेद से यह तीन प्रकार का होता है । पद्मपुराण 24.53-54