प्रणय: Difference between revisions
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<p>गो.जी./जी.प्र./ | <p>गो.जी./जी.प्र./34/64/6 <span class="SanskritText">बाह्यार्थेषु ममत्वरूपः प्रणयः</span> . = <span class="HindiText">बाह्य पदार्थनिविषैं ममत्वरूप भाव सो प्रणय कहिए स्नेह है । </span></p> | ||
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
गो.जी./जी.प्र./34/64/6 बाह्यार्थेषु ममत्वरूपः प्रणयः . = बाह्य पदार्थनिविषैं ममत्वरूप भाव सो प्रणय कहिए स्नेह है ।