बहल: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>भ.आ./वि./ | <p>भ.आ./वि./700/882/6 <span class="SanskritText">तिंतिणीकाफलरसप्रभृतिकं च अन्यद्बहलं ।</span> = <span class="HindiText">कांजी, द्राक्षारस, इमली का सार, वगैरह गाढ पानक को बहल कहते हैं ।</span></p> | ||
[[बल्लाक देव | | <noinclude> | ||
[[ बल्लाक देव | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:ब]] | [[ बहिद्विष् | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ब]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
भ.आ./वि./700/882/6 तिंतिणीकाफलरसप्रभृतिकं च अन्यद्बहलं । = कांजी, द्राक्षारस, इमली का सार, वगैरह गाढ पानक को बहल कहते हैं ।