बुद्धिलिंग: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप का अपरनाम बुद्धिल था । आप भद्रबाहु श्रुतकेवली के पश्चात् नवें 11 अंग व 10 पूर्वधारी हुए हैं । समय - वी.नि. 295-315 (ई.पू. 232-212)- दृष्टि नं. 3 के अनुसार वी.नि. 355-375 । -देखें [[ इतिहास#4.4 | इतिहास - 4.4 ]]। | |||
[[बुद्धिल | | <noinclude> | ||
[[ बुद्धिल | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:ब]] | [[ बुद्धिषेण | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ब]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप का अपरनाम बुद्धिल था । आप भद्रबाहु श्रुतकेवली के पश्चात् नवें 11 अंग व 10 पूर्वधारी हुए हैं । समय - वी.नि. 295-315 (ई.पू. 232-212)- दृष्टि नं. 3 के अनुसार वी.नि. 355-375 । -देखें इतिहास - 4.4 ।