मंगलावती: Difference between revisions
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</ol | <li> पूर्व विदेहस्थ आत्मांजन वक्षारका एक कूट व उसका रक्षक देव–देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4]]।</li> | ||
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== पुराणकोष से == | |||
<p id="1"> (1) पुष्कर द्वीप में पूर्व मेरु सम्बन्धी पूर्व विदेहक्षेत्र का एक देश । रत्नसंचयपुर इसी देश का नगर था यह सीता नदी और निषध पर्वत के मध्य दक्षिणोत्तर दिशा में विस्तृत हैं । <span class="GRef"> महापुराण 7.13-14, 10 114-115, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.247-248 </span></p> | |||
<p id="2">(2) धातकीखण्ड द्वीप के पूर्वार्ध में स्थित मेरु पर्वत के पूर्व विदेह क्षेत्र का एक देश यहाँ भी एक रत्नसंचय नामक नगर था । <span class="GRef"> महापुराण 54.129-130, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.57-58, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 4.72 </span></p> | |||
<p id="3">(3) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में सीता नदी के दक्षिणी तट पर स्थित एक देश । <span class="GRef"> महापुराण 50. 2, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 5.11 </span></p> | |||
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- पूर्व विदेह का एक क्षेत्र–देखें लोक - 5.2।
- पूर्व विदेहस्थ आत्मांजन वक्षारका एक कूट व उसका रक्षक देव–देखें लोक - 5.4।
पुराणकोष से
(1) पुष्कर द्वीप में पूर्व मेरु सम्बन्धी पूर्व विदेहक्षेत्र का एक देश । रत्नसंचयपुर इसी देश का नगर था यह सीता नदी और निषध पर्वत के मध्य दक्षिणोत्तर दिशा में विस्तृत हैं । महापुराण 7.13-14, 10 114-115, हरिवंशपुराण 5.247-248
(2) धातकीखण्ड द्वीप के पूर्वार्ध में स्थित मेरु पर्वत के पूर्व विदेह क्षेत्र का एक देश यहाँ भी एक रत्नसंचय नामक नगर था । महापुराण 54.129-130, हरिवंशपुराण 60.57-58, वीरवर्द्धमान चरित्र 4.72
(3) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में सीता नदी के दक्षिणी तट पर स्थित एक देश । महापुराण 50. 2, पांडवपुराण 5.11