स्यंदन: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="PrakritText">ध. | == सिद्धांतकोष से == | ||
<p class="PrakritText">ध.14/5,6,42/39/1 चक्कवट्टि-बलदेवाणं चडणजोग्गा सव्वाउहावुण्णा णिमणपवणवेगा अच्छे भंगे वि चक्कघडणगुणेण अपडिहयगमणा संदणा णाम।</p> | |||
<p class="HindiText">जो चक्रवर्ती और बलदेवों के चढ़ने योग्य होते हैं, जो सर्व आयुधों से परिपूर्ण होते हैं, जो पवन के समान वेगवाले होते हैं और धुर के टूट जाने पर भी जिनके चक्कों की इस प्रकार की रचना होती है जिस गुण के कारण जिनके गमनागमन में बाधा नहीं पड़ती वे स्पन्दन कहलाते हैं।</p> | <p class="HindiText">जो चक्रवर्ती और बलदेवों के चढ़ने योग्य होते हैं, जो सर्व आयुधों से परिपूर्ण होते हैं, जो पवन के समान वेगवाले होते हैं और धुर के टूट जाने पर भी जिनके चक्कों की इस प्रकार की रचना होती है जिस गुण के कारण जिनके गमनागमन में बाधा नहीं पड़ती वे स्पन्दन कहलाते हैं।</p> | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ स्मृत्यन्तराधान | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:स]] | [[ स्यात् | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: स]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p id="1"> (1) रावण का हितैषी एक योद्धा । <span class="GRef"> पद्मपुराण 55.5 </span></p> | |||
<p id="2">(2) राम का सामन्त । राम की सेना में ऐसे पाँच हजार सामन्त थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 102.146 </span></p> | |||
<noinclude> | |||
[[ स्मृत्यन्तराधान | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ स्यात् | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: स]] |
Revision as of 21:49, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
ध.14/5,6,42/39/1 चक्कवट्टि-बलदेवाणं चडणजोग्गा सव्वाउहावुण्णा णिमणपवणवेगा अच्छे भंगे वि चक्कघडणगुणेण अपडिहयगमणा संदणा णाम।
जो चक्रवर्ती और बलदेवों के चढ़ने योग्य होते हैं, जो सर्व आयुधों से परिपूर्ण होते हैं, जो पवन के समान वेगवाले होते हैं और धुर के टूट जाने पर भी जिनके चक्कों की इस प्रकार की रचना होती है जिस गुण के कारण जिनके गमनागमन में बाधा नहीं पड़ती वे स्पन्दन कहलाते हैं।
पुराणकोष से
(1) रावण का हितैषी एक योद्धा । पद्मपुराण 55.5
(2) राम का सामन्त । राम की सेना में ऐसे पाँच हजार सामन्त थे । पद्मपुराण 102.146