शिवकुमार: Difference between revisions
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पल्लव वंशी शिव स्कन्द का दूसरा नाम था। इनकी राजधानी कांचीपुर (कांजीवरम्) थी। पंचास्तिकाय की रचना इन्हीं के लिए हुई थी। तदनुसार इनका समय ई.श.2 आता है (प्रोफे.ए.चक्रवर्ती नायनार M.A.L.T.) देखें [[ शिव स्कन्द ]]। | |||
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<p id="2">(2) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश के वीतशोक नगर के राजा महापद्म और रानी वनमाला का पुत्र । यह सागरदत्त मुनि से अपना पूर्वभव सुनकर विरक्त हो गया था । जल में कमल के समान घर में रहकर बारह वर्ष तक कठिन तप करते हुए आयु के अन्त में संन्यास-मरण से देह त्याग कर यह ब्रह्मस्वर्ग में विद्युन्माली देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 76.130-131, 200-209 </span></p> | |||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == पल्लव वंशी शिव स्कन्द का दूसरा नाम था। इनकी राजधानी कांचीपुर (कांजीवरम्) थी। पंचास्तिकाय की रचना इन्हीं के लिए हुई थी। तदनुसार इनका समय ई.श.2 आता है (प्रोफे.ए.चक्रवर्ती नायनार M.A.L.T.) देखें शिव स्कन्द ।
पुराणकोष से
(1) एक राजकुमार । श्रीपाल के पास आते ही इसके मुख की वक्ता ठीक हो गयी थी । महापुराण 47.100
(2) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश के वीतशोक नगर के राजा महापद्म और रानी वनमाला का पुत्र । यह सागरदत्त मुनि से अपना पूर्वभव सुनकर विरक्त हो गया था । जल में कमल के समान घर में रहकर बारह वर्ष तक कठिन तप करते हुए आयु के अन्त में संन्यास-मरण से देह त्याग कर यह ब्रह्मस्वर्ग में विद्युन्माली देव हुआ । महापुराण 76.130-131, 200-209