सर्व: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="SanskritText">रा.वा./ | <span class="SanskritText">रा.वा./2/7/2/535/19 सरति गच्छति अशेषानवयवानिति सर्व इत्युच्यते।</span> =<span class="HindiText">अशेष अवयवों को प्राप्त हो उसे सर्व कहते हैं।</span> | ||
<p><span class="SanskritText">ध. | <p><span class="SanskritText">ध.9/4,1,4/47 सर्वं विश्वं कृत्स्नम् ।9। ...सरति गच्छति आकुञ्चनविसर्प्पणादीनीति पुद्गलद्रव्यं सर्वं।</span> =<span class="HindiText">विश्व, कृत्स्न ये ‘सर्व’ शब्द के समानार्थक हैं। अथवा जो आकुंचन और विसर्पण आदि को प्राप्त हो वह पुद्गलद्रव्य सर्व है।</span></p> | ||
<p><span class="PrakritText">ध. | <p><span class="PrakritText">ध.13/5,5,59/323/8 सव्वं केवलणाणं।</span> =<span class="HindiText">सर्व का अर्थ केवलज्ञान है।</span></p> | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ सर्पिरास्रविणी | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:स]] | [[ सर्व संक्रमण निर्देश | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: स]] |
Revision as of 21:48, 5 July 2020
रा.वा./2/7/2/535/19 सरति गच्छति अशेषानवयवानिति सर्व इत्युच्यते। =अशेष अवयवों को प्राप्त हो उसे सर्व कहते हैं।
ध.9/4,1,4/47 सर्वं विश्वं कृत्स्नम् ।9। ...सरति गच्छति आकुञ्चनविसर्प्पणादीनीति पुद्गलद्रव्यं सर्वं। =विश्व, कृत्स्न ये ‘सर्व’ शब्द के समानार्थक हैं। अथवा जो आकुंचन और विसर्पण आदि को प्राप्त हो वह पुद्गलद्रव्य सर्व है।
ध.13/5,5,59/323/8 सव्वं केवलणाणं। =सर्व का अर्थ केवलज्ञान है।