अप्रतिघ: Difference between revisions
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<p id="1">(1) समवसरण की सभागृह के आगे विद्यमान तृतीय कोट संबंधी दक्षिण द्वार के आठ नामों में आठवां नाम । हरिवंशपुराण 57.56-58 देखें [[ | <p id="1">(1) समवसरण की सभागृह के आगे विद्यमान तृतीय कोट संबंधी दक्षिण द्वार के आठ नामों में आठवां नाम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.56-58 </span>देखें [[ आस्थानभण्डल ]]</p> | ||
<p id="2">(2) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.203 </p> | <p id="2">(2) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25.203 </span></p> | ||
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
(1) समवसरण की सभागृह के आगे विद्यमान तृतीय कोट संबंधी दक्षिण द्वार के आठ नामों में आठवां नाम । हरिवंशपुराण 57.56-58 देखें आस्थानभण्डल
(2) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.203