अप्रमेयत्व: Difference between revisions
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
मुक्त जीव का एक गुण । इस गुण को प्राप्ति के लिए ‘‘अप्रमेयाय नमः’’ यह पीठिका-मन्त्र है । महापुराण 40. 16, 42-103