कनकप्राकार: Difference between revisions
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<p> समवसरण का चाँदी के चार गोपुरों से समन्वित स्वर्णाभा से मुक्त कोट । हरिवंशपुराण 57.24</p> | <p> समवसरण का चाँदी के चार गोपुरों से समन्वित स्वर्णाभा से मुक्त कोट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.24 </span></p> | ||
Revision as of 21:39, 5 July 2020
समवसरण का चाँदी के चार गोपुरों से समन्वित स्वर्णाभा से मुक्त कोट । हरिवंशपुराण 57.24