कुरुविंद: Difference between revisions
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Revision as of 16:31, 5 July 2020
अलका नगरी के राजा विद्याधर अरविन्द का द्वितीय पुत्र और हरिश्चन्द्र का भाई । इसका पिता अरविन्द दाह-ज्वर से पीड़ित था । अचानक एक छिपकली के रुधिर से पीड़ा कम हो जाने से उसने कुरुविन्द से एक बावड़ी बनवाकर उसे रुधिर से भरवाने के लिए कहा । वह पाप से डरता था अत: उसने पिता के लिए एक बावड़ी बनवा कर उसे लाक्षारस से भरवा दिया । जब उसे इस वापी के रुधिर को कृत्रिमता का बोध हुआ तो वह उसे मारने दौड़ा और गिर जाने से अपनी ही छुरी से मरण को प्राप्त हुआ । इस प्रकार हुई पिता की मृत्यु से उसको दु:ख हुआ । महापुराण 5. 89-95, 102-116