कैवल्य: Difference between revisions
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<p> ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय और अंतराय रूप चतुर्विध घातिया कर्मों के विनाश से उत्पन्न, समस्त पदार्थों को एक साथ जानने वाला, अविनाशी ज्योति-स्वरूप ज्ञान-केवलज्ञान । महापुराण 5. 149, 20.264, 21. 175, 186</p> | <p> ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय और अंतराय रूप चतुर्विध घातिया कर्मों के विनाश से उत्पन्न, समस्त पदार्थों को एक साथ जानने वाला, अविनाशी ज्योति-स्वरूप ज्ञान-केवलज्ञान । <span class="GRef"> महापुराण 5. 149, 20.264, 21. 175, 186 </span></p> | ||
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय और अंतराय रूप चतुर्विध घातिया कर्मों के विनाश से उत्पन्न, समस्त पदार्थों को एक साथ जानने वाला, अविनाशी ज्योति-स्वरूप ज्ञान-केवलज्ञान । महापुराण 5. 149, 20.264, 21. 175, 186