गृहस्थ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> ब्रह्मचर्य के बाद का आश्रम । इस आश्रम में विवाह के पश्चात् गृहस्थ समाज सेवा के कार्यों में प्रवृत्त होता है । महापुराण 15.61-76, 38.124-127</p> | <p> ब्रह्मचर्य के बाद का आश्रम । इस आश्रम में विवाह के पश्चात् गृहस्थ समाज सेवा के कार्यों में प्रवृत्त होता है । <span class="GRef"> महापुराण 15.61-76, 38.124-127 </span></p> | ||
Line 5: | Line 5: | ||
[[ गृहशोभा | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ गृहशोभा | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ गृहस्थ धर्म | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ग]] | [[Category: ग]] |
Revision as of 21:40, 5 July 2020
ब्रह्मचर्य के बाद का आश्रम । इस आश्रम में विवाह के पश्चात् गृहस्थ समाज सेवा के कार्यों में प्रवृत्त होता है । महापुराण 15.61-76, 38.124-127