तुरीयचारित्र: Difference between revisions
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
सूक्ष्मसाम्पराय चारित्र । यह संज्वलन लोभ का अत्यन्त मन्द उदय होने पर दशम गुणस्थान में होता है । महापुराण 54.225