पूतना: Difference between revisions
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Revision as of 21:43, 5 July 2020
एक व्यन्तर देवी । यह पूर्वकाल में कंस द्वारा सिद्ध की गयी सात व्यन्तर देवियों में एक देवी थी । इसे विभंगावधिज्ञान था । कल के आदेश से उसके शत्रु कृष्ण को खींचकर इसने उसे (कृष्ण को) मारना चाहा था । यह माता का रूप धारण कर के उसके पास गयी थी । अपने विष भरे स्तन से जैसे ही इसने दूध पिलाने की चेष्टा की कि कृष्ण की रक्षा करने में तत्पर किसी दूसरी देवी ने इसके स्तन में असह्य पीड़ा उत्पन्न की जिससे यह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकी । महापुराण 70. 414-418