प्रियदर्शना: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) हस्तिनापुर कई राजा अजितसेन की रानी । यह तीर्थङ्कर शान्तिनाथ की माता ऐरा के पति विश्वसेन की जननी थी । महापुराण 63.382-406</p> | <p id="1"> (1) हस्तिनापुर कई राजा अजितसेन की रानी । यह तीर्थङ्कर शान्तिनाथ की माता ऐरा के पति विश्वसेन की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.382-406 </span></p> | ||
<p id="2">(2) धनदत्त और उसकी पुत्री नन्दयशा की पुत्री । यह अगले भव में पाण्डवों की माता कुन्ती हुई थी । महापुराण 70. 186, 198</p> | <p id="2">(2) धनदत्त और उसकी पुत्री नन्दयशा की पुत्री । यह अगले भव में पाण्डवों की माता कुन्ती हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 70. 186, 198 </span></p> | ||
<p id="3">(3) इस नाम की एक आर्यिका । इसने अयोध्या के राजा अरविन्द की पुत्री सुप्रबुद्धा को दीक्षा दी थी । महापुराण 72.34-35</p> | <p id="3">(3) इस नाम की एक आर्यिका । इसने अयोध्या के राजा अरविन्द की पुत्री सुप्रबुद्धा को दीक्षा दी थी । <span class="GRef"> महापुराण 72.34-35 </span></p> | ||
<p id="4">(4) | <p id="4">(4) ब्रह्मस्वर्ग के विद्युन्माली नामक इन्द्र की प्रधान देवी । <span class="GRef"> महापुराण 76.32 </span></p> | ||
Revision as of 21:44, 5 July 2020
(1) हस्तिनापुर कई राजा अजितसेन की रानी । यह तीर्थङ्कर शान्तिनाथ की माता ऐरा के पति विश्वसेन की जननी थी । महापुराण 63.382-406
(2) धनदत्त और उसकी पुत्री नन्दयशा की पुत्री । यह अगले भव में पाण्डवों की माता कुन्ती हुई थी । महापुराण 70. 186, 198
(3) इस नाम की एक आर्यिका । इसने अयोध्या के राजा अरविन्द की पुत्री सुप्रबुद्धा को दीक्षा दी थी । महापुराण 72.34-35
(4) ब्रह्मस्वर्ग के विद्युन्माली नामक इन्द्र की प्रधान देवी । महापुराण 76.32