बलसिंह: Difference between revisions
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<p> वैजयन्ती नगरी का न्यायप्रिय नृप । ‘कुमार वसुदेव हमारी स्त्री सोमश्री के साथ रूप बदलकर रहता है’ ऐसी मानसवेग द्वारा शिकायत किये जाने पर इसने छानबीन की थी तथा मानसवेग को असत्यभाषी पाया था । हरिवंशपुराण 30.33-34</p> | <p> वैजयन्ती नगरी का न्यायप्रिय नृप । ‘कुमार वसुदेव हमारी स्त्री सोमश्री के साथ रूप बदलकर रहता है’ ऐसी मानसवेग द्वारा शिकायत किये जाने पर इसने छानबीन की थी तथा मानसवेग को असत्यभाषी पाया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 30.33-34 </span></p> | ||
Revision as of 21:44, 5 July 2020
वैजयन्ती नगरी का न्यायप्रिय नृप । ‘कुमार वसुदेव हमारी स्त्री सोमश्री के साथ रूप बदलकर रहता है’ ऐसी मानसवेग द्वारा शिकायत किये जाने पर इसने छानबीन की थी तथा मानसवेग को असत्यभाषी पाया था । हरिवंशपुराण 30.33-34