भीरस: Difference between revisions
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<p> भयानक रस । युद्धस्थल में जर्जरित अंगों को तथा जहाँ-तहाँ पड़े हुए योद्धाओं को देखकर द्रष्टा के मन में उत्पन्न भयंकारी भाव । महापुराण 68.607-608</p> | <p> भयानक रस । युद्धस्थल में जर्जरित अंगों को तथा जहाँ-तहाँ पड़े हुए योद्धाओं को देखकर द्रष्टा के मन में उत्पन्न भयंकारी भाव । <span class="GRef"> महापुराण 68.607-608 </span></p> | ||
Revision as of 21:45, 5 July 2020
भयानक रस । युद्धस्थल में जर्जरित अंगों को तथा जहाँ-तहाँ पड़े हुए योद्धाओं को देखकर द्रष्टा के मन में उत्पन्न भयंकारी भाव । महापुराण 68.607-608