भ्रामरी-विद्या: Difference between revisions
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<p> विद्याघर अशनिघोष द्वारा सिद्ध की गयी एक विद्या । इससे अनेक रूप बनाये जाते हैं । महापुराण 62.230, 278</p> | <p> विद्याघर अशनिघोष द्वारा सिद्ध की गयी एक विद्या । इससे अनेक रूप बनाये जाते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 62.230, 278 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
विद्याघर अशनिघोष द्वारा सिद्ध की गयी एक विद्या । इससे अनेक रूप बनाये जाते हैं । महापुराण 62.230, 278
म