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<p id="1"> (1) भरतेश द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 24.42 </p> | <p id="1"> (1) भरतेश द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 24.42 </span></p> | ||
<p id="2">(2) संगीत संबंधी सप्त स्वरों में एक स्वर । पद्मपुराण 17.277 हरिवंशपुराण 19.153</p> | <p id="2">(2) संगीत संबंधी सप्त स्वरों में एक स्वर । <span class="GRef"> पद्मपुराण 17.277 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.153 </span></p> | ||
<p id="3">(3) मध्यदेश की एक लिपि । केकया को इसका ज्ञान था । पद्मपुराण 24.16 </p> | <p id="3">(3) मध्यदेश की एक लिपि । केकया को इसका ज्ञान था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 24.16 </span></p> | ||
<p id="4">(4) वारुणीवर समुद्र का एक रक्षक देव । हरिवंशपुराण 5.641</p> | <p id="4">(4) वारुणीवर समुद्र का एक रक्षक देव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.641 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
(1) भरतेश द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 24.42
(2) संगीत संबंधी सप्त स्वरों में एक स्वर । पद्मपुराण 17.277 हरिवंशपुराण 19.153
(3) मध्यदेश की एक लिपि । केकया को इसका ज्ञान था । पद्मपुराण 24.16
(4) वारुणीवर समुद्र का एक रक्षक देव । हरिवंशपुराण 5.641