मध्यमपात्र: Difference between revisions
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<p> पात्र के उत्तम, मध्यम और जघन्य इन तीन भेदों में दूसरा भेद । संयतासंयत श्रावक मध्यम पात्र कहलाते हैं । हरिवंशपुराण 7.108-109</p> | <p> पात्र के उत्तम, मध्यम और जघन्य इन तीन भेदों में दूसरा भेद । संयतासंयत श्रावक मध्यम पात्र कहलाते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7.108-109 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
पात्र के उत्तम, मध्यम और जघन्य इन तीन भेदों में दूसरा भेद । संयतासंयत श्रावक मध्यम पात्र कहलाते हैं । हरिवंशपुराण 7.108-109