मन्त्री: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) राजा का उसके कार्यों में मन्त्रणा दाता । इसके दो कार्य होते हैं― हितकारी कार्य में राजा की प्रवृत्ति करना तथा अहितकारी कार्यों को नहीं करने का परामर्श देना । महापुराण 68.115</p> | <p id="1"> (1) राजा का उसके कार्यों में मन्त्रणा दाता । इसके दो कार्य होते हैं― हितकारी कार्य में राजा की प्रवृत्ति करना तथा अहितकारी कार्यों को नहीं करने का परामर्श देना । <span class="GRef"> महापुराण 68.115 </span></p> | ||
<p id="2">(2) सौधर्मेन्द्र हारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 121</p> | <p id="2">(2) सौधर्मेन्द्र हारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 121 </span></p> | ||
Revision as of 21:45, 5 July 2020
(1) राजा का उसके कार्यों में मन्त्रणा दाता । इसके दो कार्य होते हैं― हितकारी कार्य में राजा की प्रवृत्ति करना तथा अहितकारी कार्यों को नहीं करने का परामर्श देना । महापुराण 68.115
(2) सौधर्मेन्द्र हारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 121