मार्गणस्थान: Difference between revisions
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<p> जीवों के अन्वेषण के स्थान । ये चौदह होते हैं―</p> | <p> जीवों के अन्वेषण के स्थान । ये चौदह होते हैं―</p> | ||
<p>1. गति 2. इन्द्रिय 3. काय 4. योग 5. वेद 6. कषाय 7. ज्ञान 8. संयम 9. दर्शन 10. लेश्या 11. भव्यत्व 12. सम्यक 13. संज्ञित्व और 14. आहारक । महापुराण 24-95-96, हरिवंशपुराण 2.107, 58. 36-37, वीरवर्द्धमान चरित्र 16.53-56</p> | <p>1. गति 2. इन्द्रिय 3. काय 4. योग 5. वेद 6. कषाय 7. ज्ञान 8. संयम 9. दर्शन 10. लेश्या 11. भव्यत्व 12. सम्यक 13. संज्ञित्व और 14. आहारक । <span class="GRef"> महापुराण 24-95-96, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.107, 58. 36-37, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.53-56 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
जीवों के अन्वेषण के स्थान । ये चौदह होते हैं―
1. गति 2. इन्द्रिय 3. काय 4. योग 5. वेद 6. कषाय 7. ज्ञान 8. संयम 9. दर्शन 10. लेश्या 11. भव्यत्व 12. सम्यक 13. संज्ञित्व और 14. आहारक । महापुराण 24-95-96, हरिवंशपुराण 2.107, 58. 36-37, वीरवर्द्धमान चरित्र 16.53-56