मूलवीर्य: Difference between revisions
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<p> विद्याधरों की एक जाति । ये आभूषणों से अलंकृत होकर औषधि-स्तम्भ के सहारे बैठते हैं । इनके हाथों में औषधियां रहती है । हरिवंशपुराण 26.10</p> | <p> विद्याधरों की एक जाति । ये आभूषणों से अलंकृत होकर औषधि-स्तम्भ के सहारे बैठते हैं । इनके हाथों में औषधियां रहती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 26.10 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
विद्याधरों की एक जाति । ये आभूषणों से अलंकृत होकर औषधि-स्तम्भ के सहारे बैठते हैं । इनके हाथों में औषधियां रहती है । हरिवंशपुराण 26.10