यशोदा: Difference between revisions
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<p id="1">(1) वृन्दावन के सुनन्द गोप की पत्नी । बलदेव और वसुदेव ने कृष्ण को शिशु-अवस्था में इसी गोप-दम्पत्ति को उसका पुत्रवत् लालन-पालन करने के लिए सौंपा था देवकी के पुत्री हुई है यह बताने के लिए सद्य: प्रसूत इसकी पुत्री देवकी को दे दी गयी थी । इसने वात्सल्य भाव से कृष्ण का पालन किया था । हरिवंशपुराण 35. 27-32, 45, पांडवपुराण 11.58</p> | <p id="1">(1) वृन्दावन के सुनन्द गोप की पत्नी । बलदेव और वसुदेव ने कृष्ण को शिशु-अवस्था में इसी गोप-दम्पत्ति को उसका पुत्रवत् लालन-पालन करने के लिए सौंपा था देवकी के पुत्री हुई है यह बताने के लिए सद्य: प्रसूत इसकी पुत्री देवकी को दे दी गयी थी । इसने वात्सल्य भाव से कृष्ण का पालन किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 35. 27-32, 45, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 11.58 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राजा जितशत्रु और रानी यशोदया की पुत्री । राजा जिस! इस पुत्री का विवाह अपने साले कुण्डपुर के राजा सिद्धार्थ के पुत्र महावीर के साथ करना चाहता था पर महावीर विरक्त होकर साधु हो गये थे । हरिवंशपुराण 66.6-9</p> | <p id="2">(2) राजा जितशत्रु और रानी यशोदया की पुत्री । राजा जिस! इस पुत्री का विवाह अपने साले कुण्डपुर के राजा सिद्धार्थ के पुत्र महावीर के साथ करना चाहता था पर महावीर विरक्त होकर साधु हो गये थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 66.6-9 </span></p> | ||
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
(1) वृन्दावन के सुनन्द गोप की पत्नी । बलदेव और वसुदेव ने कृष्ण को शिशु-अवस्था में इसी गोप-दम्पत्ति को उसका पुत्रवत् लालन-पालन करने के लिए सौंपा था देवकी के पुत्री हुई है यह बताने के लिए सद्य: प्रसूत इसकी पुत्री देवकी को दे दी गयी थी । इसने वात्सल्य भाव से कृष्ण का पालन किया था । हरिवंशपुराण 35. 27-32, 45, पांडवपुराण 11.58
(2) राजा जितशत्रु और रानी यशोदया की पुत्री । राजा जिस! इस पुत्री का विवाह अपने साले कुण्डपुर के राजा सिद्धार्थ के पुत्र महावीर के साथ करना चाहता था पर महावीर विरक्त होकर साधु हो गये थे । हरिवंशपुराण 66.6-9