राजवृत्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> राजा का कार्य । पक्षपात रहित होकर कुल की मर्यादा, बुद्धि और अपनी रक्षा करते हुए न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करना राजाओं की राजवृत्ति कहलाती है । महापुराण 38.281</p> | <p> राजा का कार्य । पक्षपात रहित होकर कुल की मर्यादा, बुद्धि और अपनी रक्षा करते हुए न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करना राजाओं की राजवृत्ति कहलाती है । <span class="GRef"> महापुराण 38.281 </span></p> | ||
Line 5: | Line 5: | ||
[[ राजविद्या | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ राजविद्या | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ राजशेखर | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: र]] | [[Category: र]] |
Revision as of 21:46, 5 July 2020
राजा का कार्य । पक्षपात रहित होकर कुल की मर्यादा, बुद्धि और अपनी रक्षा करते हुए न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करना राजाओं की राजवृत्ति कहलाती है । महापुराण 38.281