राधा: Difference between revisions
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<p> चम्पापुर के राजा आदित्य की रानी । आदित्य को यमुना में बहता हुआ सन्दूकची में बन्द एक शिशु प्राप्त हुआ था । उसने वह शिशु इसे दिया । इसने शिशु को कान का स्पर्श करते हुए देखकर उसका नाम ‘‘कर्ण’’ रखा था । महापुराण 70. 111-114, पांडवपुराण 7. 283-297 देखें [[ कर्ण ]]</p> | <p> चम्पापुर के राजा आदित्य की रानी । आदित्य को यमुना में बहता हुआ सन्दूकची में बन्द एक शिशु प्राप्त हुआ था । उसने वह शिशु इसे दिया । इसने शिशु को कान का स्पर्श करते हुए देखकर उसका नाम ‘‘कर्ण’’ रखा था । <span class="GRef"> महापुराण 70. 111-114, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 7. 283-297 </span>देखें [[ कर्ण ]]</p> | ||
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चम्पापुर के राजा आदित्य की रानी । आदित्य को यमुना में बहता हुआ सन्दूकची में बन्द एक शिशु प्राप्त हुआ था । उसने वह शिशु इसे दिया । इसने शिशु को कान का स्पर्श करते हुए देखकर उसका नाम ‘‘कर्ण’’ रखा था । महापुराण 70. 111-114, पांडवपुराण 7. 283-297 देखें कर्ण