वसुमती: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) चेदिराष्ट्र के संस्थापक अभिचन्द्र की रानी । राजा वसु की यह जननी थी । हरिवंशपुराण 17.36-37</p> | <p id="1"> (1) चेदिराष्ट्र के संस्थापक अभिचन्द्र की रानी । राजा वसु की यह जननी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 17.36-37 </span></p> | ||
<p id="2">(2) विदेहक्षेत्र के मंगलावती देश में | <p id="2">(2) विदेहक्षेत्र के मंगलावती देश में रत्नसंचयपुर के राजा अजितंजय की रानी । यह युगन्धर की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 7.90-91 </span></p> | ||
<p id="3">(3) विजयार्ध पर्वत पर स्थित उत्तरश्रेणी की सत्रहवीं नगरी । महापुराण 19.80</p> | <p id="3">(3) विजयार्ध पर्वत पर स्थित उत्तरश्रेणी की सत्रहवीं नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 19.80 </span></p> | ||
<p id="4">(4) भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड की एक नदी । दिग्विजय के समय भरतेश की सेना यहाँ आयी थी । महापुराण 29.63</p> | <p id="4">(4) भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड की एक नदी । दिग्विजय के समय भरतेश की सेना यहाँ आयी थी । <span class="GRef"> महापुराण 29.63 </span></p> | ||
<p id="5">(5) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश के अरिष्टपुर नगर के राजा वासव की रानी । सुषेण की यह जननी थी । आयु के अन्त में मरकर यह भीलनी हुई । महापुराण 71.400-403</p> | <p id="5">(5) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश के अरिष्टपुर नगर के राजा वासव की रानी । सुषेण की यह जननी थी । आयु के अन्त में मरकर यह भीलनी हुई । <span class="GRef"> महापुराण 71.400-403 </span></p> | ||
<p id="6">(6) कुबेरमित्र राजसेठ की पुत्री । यह राजा लोकपाल की रानी थी । मवु0 46.62</p> | <p id="6">(6) कुबेरमित्र राजसेठ की पुत्री । यह राजा लोकपाल की रानी थी । मवु0 46.62</p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ वसुमति | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ वसुमत्क | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] |
Revision as of 21:47, 5 July 2020
(1) चेदिराष्ट्र के संस्थापक अभिचन्द्र की रानी । राजा वसु की यह जननी थी । हरिवंशपुराण 17.36-37
(2) विदेहक्षेत्र के मंगलावती देश में रत्नसंचयपुर के राजा अजितंजय की रानी । यह युगन्धर की जननी थी । महापुराण 7.90-91
(3) विजयार्ध पर्वत पर स्थित उत्तरश्रेणी की सत्रहवीं नगरी । महापुराण 19.80
(4) भरतक्षेत्र के आर्यखण्ड की एक नदी । दिग्विजय के समय भरतेश की सेना यहाँ आयी थी । महापुराण 29.63
(5) जम्बूद्वीप के पूर्व विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश के अरिष्टपुर नगर के राजा वासव की रानी । सुषेण की यह जननी थी । आयु के अन्त में मरकर यह भीलनी हुई । महापुराण 71.400-403
(6) कुबेरमित्र राजसेठ की पुत्री । यह राजा लोकपाल की रानी थी । मवु0 46.62