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<p id="1">(1) एक नगर । यह भानुरक्षक के पुत्रों द्वारा बसाये गये दस नगरों में एक नगर था । यहाँ राक्षस रहते थे । पद्मपुराण 5.373-374 </p> | <p id="1">(1) एक नगर । यह भानुरक्षक के पुत्रों द्वारा बसाये गये दस नगरों में एक नगर था । यहाँ राक्षस रहते थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.373-374 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राम का पक्षधर एक योद्धा । यह अन्ध अनेक राजाओं के साथ ससैन्य समरांगण में पहुंचा था । पद्मपुराण 58.1 5</p> | <p id="2">(2) राम का पक्षधर एक योद्धा । यह अन्ध अनेक राजाओं के साथ ससैन्य समरांगण में पहुंचा था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 58.1 5 </span></p> | ||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
(1) एक नगर । यह भानुरक्षक के पुत्रों द्वारा बसाये गये दस नगरों में एक नगर था । यहाँ राक्षस रहते थे । पद्मपुराण 5.373-374
(2) राम का पक्षधर एक योद्धा । यह अन्ध अनेक राजाओं के साथ ससैन्य समरांगण में पहुंचा था । पद्मपुराण 58.1 5