श्रीचंद्रा: Difference between revisions
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<p id="3">(3) सुजन देश में नगरशोभनगर के राजा दृढ़मित्र के भाई सुमित्र और उसकी वसुन्धरा रानी की पुत्री । वनगिरि नगर के राजकुमार वनराज ने इसका अपहरण कराया था । इसके किन्नरमित्र और यक्षमित्र ने वनराज से युद्ध भी किया था किन्तु वे पराजित हो गये थे । अन्त में | <p id="3">(3) सुजन देश में नगरशोभनगर के राजा दृढ़मित्र के भाई सुमित्र और उसकी वसुन्धरा रानी की पुत्री । वनगिरि नगर के राजकुमार वनराज ने इसका अपहरण कराया था । इसके किन्नरमित्र और यक्षमित्र ने वनराज से युद्ध भी किया था किन्तु वे पराजित हो गये थे । अन्त में जीवन्धर ने उसे हराया और इसका विवाह नंदाढ्यकुमार के साथ कराया था । <span class="GRef"> महापुराण 75.438-439, 521 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
(1) मेरु की वायव्य दिशा में विद्यमान दूसरी वापी । हरिवंशपुराण 5.344
(2) वानरवंशी राजा विद्युत्केश की रानी । पद्मपुराण 6.236-238
(3) सुजन देश में नगरशोभनगर के राजा दृढ़मित्र के भाई सुमित्र और उसकी वसुन्धरा रानी की पुत्री । वनगिरि नगर के राजकुमार वनराज ने इसका अपहरण कराया था । इसके किन्नरमित्र और यक्षमित्र ने वनराज से युद्ध भी किया था किन्तु वे पराजित हो गये थे । अन्त में जीवन्धर ने उसे हराया और इसका विवाह नंदाढ्यकुमार के साथ कराया था । महापुराण 75.438-439, 521