सकलभूतदया: Difference between revisions
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<p> सातावेदनीय कर्म की आस्रवभूत क्रियाओं में एक क्रिया । समस्त प्राणियों पर दया करना सकलभूतदया कहलाती है । हरिवंशपुराण 58.94-95</p> | <p> सातावेदनीय कर्म की आस्रवभूत क्रियाओं में एक क्रिया । समस्त प्राणियों पर दया करना सकलभूतदया कहलाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.94-95 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
सातावेदनीय कर्म की आस्रवभूत क्रियाओं में एक क्रिया । समस्त प्राणियों पर दया करना सकलभूतदया कहलाती है । हरिवंशपुराण 58.94-95