संरक्षणानंद: Difference between revisions
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<p> रौद्रध्यान के चार भेदों में चौथा भेद । वे चार ध्यान है― हिंसानन्द, मृषानन्द, स्तेयानन्द और संरक्षणानन्द । इनमें धन के उपार्जन करने आदि का चिन्तन करना संरक्षणानन्द रौद्रध्यान है । महापुराण 21.42-43, 51</p> | <p> रौद्रध्यान के चार भेदों में चौथा भेद । वे चार ध्यान है― हिंसानन्द, मृषानन्द, स्तेयानन्द और संरक्षणानन्द । इनमें धन के उपार्जन करने आदि का चिन्तन करना संरक्षणानन्द रौद्रध्यान है । <span class="GRef"> महापुराण 21.42-43, 51 </span></p> | ||
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Revision as of 21:49, 5 July 2020
रौद्रध्यान के चार भेदों में चौथा भेद । वे चार ध्यान है― हिंसानन्द, मृषानन्द, स्तेयानन्द और संरक्षणानन्द । इनमें धन के उपार्जन करने आदि का चिन्तन करना संरक्षणानन्द रौद्रध्यान है । महापुराण 21.42-43, 51