स्वर्भानु: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> राजा कंस का साला । यह राजगृह नगर में रहता था । भानु इसका पुत्र था । नागशय्या पर चढ़कर एक हाथ से शंख बजाने तथा दसरे हाथ से धनुष चढ़ाने वाले को कंस अपनी पुत्री देगा-ऐसी कंस के द्वारा कराई गयी घोषणा सुनकर यह अपने पुत्र के साथ मधुरा आ रहा था । रास्ते में | <p> राजा कंस का साला । यह राजगृह नगर में रहता था । भानु इसका पुत्र था । नागशय्या पर चढ़कर एक हाथ से शंख बजाने तथा दसरे हाथ से धनुष चढ़ाने वाले को कंस अपनी पुत्री देगा-ऐसी कंस के द्वारा कराई गयी घोषणा सुनकर यह अपने पुत्र के साथ मधुरा आ रहा था । रास्ते में कृष्ण से भेंट होने पर यह कृष्ण को भी अपने साथ ले आया था । कृष्ण ने इसके पुत्र भानु को समीप में खड़ा करके उक्त तीनों कार्य कर दिखाये थे तथा वे इसका सकेत पाकर ब्रज चले गये थे । कृष्ण ने ये कार्य इसके द्वारा किये जाने की घोषणा की थी । <span class="GRef"> महापुराण 70.447-456 </span></p> | ||
Line 5: | Line 5: | ||
[[ स्वर्णाभपुर | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ स्वर्णाभपुर | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ स्ववचन बाधित | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: स]] | [[Category: स]] |
Revision as of 21:49, 5 July 2020
राजा कंस का साला । यह राजगृह नगर में रहता था । भानु इसका पुत्र था । नागशय्या पर चढ़कर एक हाथ से शंख बजाने तथा दसरे हाथ से धनुष चढ़ाने वाले को कंस अपनी पुत्री देगा-ऐसी कंस के द्वारा कराई गयी घोषणा सुनकर यह अपने पुत्र के साथ मधुरा आ रहा था । रास्ते में कृष्ण से भेंट होने पर यह कृष्ण को भी अपने साथ ले आया था । कृष्ण ने इसके पुत्र भानु को समीप में खड़ा करके उक्त तीनों कार्य कर दिखाये थे तथा वे इसका सकेत पाकर ब्रज चले गये थे । कृष्ण ने ये कार्य इसके द्वारा किये जाने की घोषणा की थी । महापुराण 70.447-456