अनुत्सेक: Difference between revisions
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
सर्वार्थसिद्धि अध्याय /6/26/340 विज्ञानादिभिरुत्कृष्टस्यापि सतस्तत्कृतमदविरहोऽनहङ्कारतानुत्सेकः।
= ज्ञानादि की अपेक्षा श्रेष्ठ होते हुए भी उसका मद न करना अर्थात् अहंकार रहित होना अनुत्सेक है।