अभेद्य: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) महायुद्ध में शत्रुओं के तीक्ष्ण बाणों से न भेदा जाने वाला तनुबाण (कवच) । अभेद्यत्व की प्राप्ति के लिए ‘‘अभेद्याय नमः’’ यह पीठिका-मंत्र है । <span class="GRef"> महापुराण 37.159,40.15 </span></p> | |||
<p id="2">(2) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25.171 </span></p> | |||
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
जंबूदीव-पण्णत्तिसंगहो / प्रस्तावना 105-Indivisible।
पुराणकोष से
(1) महायुद्ध में शत्रुओं के तीक्ष्ण बाणों से न भेदा जाने वाला तनुबाण (कवच) । अभेद्यत्व की प्राप्ति के लिए ‘‘अभेद्याय नमः’’ यह पीठिका-मंत्र है । महापुराण 37.159,40.15
(2) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.171