कृत्: Difference between revisions
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स.सि./ | स.सि./6/8/625/4 <span class="SanskritText">कृत् वचनं स्वातन्त्र्यप्रतिपत्त्यर्थम् </span>=<span class="HindiText">कर्ता की कार्य विषयक स्वतन्त्रता दिखलाने के लिए सूत्र में कृत् वचन दिया है। (रा.वा./6/8/7/514) रा.वा./6/8/7/514/7 </span><span class="SanskritText">स्वातन्त्र्यविशिष्टेनात्मना यत्प्रादुर्भावितं तत्कृतमित्युच्यते।</span>=<span class="HindiText">आत्मा ने जो स्वतन्त्र भाव से किया वह कृत् है (चा.सा./88/5)।</span> | ||
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
स.सि./6/8/625/4 कृत् वचनं स्वातन्त्र्यप्रतिपत्त्यर्थम् =कर्ता की कार्य विषयक स्वतन्त्रता दिखलाने के लिए सूत्र में कृत् वचन दिया है। (रा.वा./6/8/7/514) रा.वा./6/8/7/514/7 स्वातन्त्र्यविशिष्टेनात्मना यत्प्रादुर्भावितं तत्कृतमित्युच्यते।=आत्मा ने जो स्वतन्त्र भाव से किया वह कृत् है (चा.सा./88/5)।