कृतांतवक्त्र: Difference between revisions
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प.पु./सर्ग/श्लोक... रामचन्द्रजी का सेनापति था (97/44) दीक्षा ले, मरणकर देवपद प्राप्त किया (107/14-16) अपनी प्रतिज्ञानुसार लक्ष्मण की मृत्यु पर रामचन्द्र को सम्बोधकर उनका मोह दूर किया (107/118-119)। | |||
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
प.पु./सर्ग/श्लोक... रामचन्द्रजी का सेनापति था (97/44) दीक्षा ले, मरणकर देवपद प्राप्त किया (107/14-16) अपनी प्रतिज्ञानुसार लक्ष्मण की मृत्यु पर रामचन्द्र को सम्बोधकर उनका मोह दूर किया (107/118-119)।