पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय: Difference between revisions
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आ. अमृतचन्द्र (ई. 905-955) द्वारा रचित संस्कृत छन्द बद्ध ग्रन्थ। इसमें 243 श्लोक हैं। इस पर पं.टोडरमल (ई. 1766) ने भाषा में टीका लिखी है परन्तु उसे पूरी करने से पहिले ही विधि ने उनसे शरीर छीन लिया। उनके इस अधूरी कृति को उनके पीछे पं. दौलतराम (ई. 1770) ने पूरा किया। (जै./2/173), (ती./2/408)। | |||
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Revision as of 21:43, 5 July 2020
आ. अमृतचन्द्र (ई. 905-955) द्वारा रचित संस्कृत छन्द बद्ध ग्रन्थ। इसमें 243 श्लोक हैं। इस पर पं.टोडरमल (ई. 1766) ने भाषा में टीका लिखी है परन्तु उसे पूरी करने से पहिले ही विधि ने उनसे शरीर छीन लिया। उनके इस अधूरी कृति को उनके पीछे पं. दौलतराम (ई. 1770) ने पूरा किया। (जै./2/173), (ती./2/408)।