पुष्पोत्तर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) रत्नपुर नगर का राजा एक विद्याधर । यह अपने पुत्र | <p id="1"> (1) रत्नपुर नगर का राजा एक विद्याधर । यह अपने पुत्र पद्मोत्तर के लिए श्रीकण्ठ की बहिन चाहता था, परन्तु श्रीकण्ठ ने अपनी बहिन पद्मोत्तर को न देकर पद्मोत्तर की बहिन पद्माभा को स्वयं विवाह लिया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.7-52 </span></p> | ||
<p id="2">(2) स्वर्ग । तीर्थङ्कर श्रेयान्, धर्मनाथ, शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और महावीर इसी स्वर्ग से | <p id="2">(2) स्वर्ग । तीर्थङ्कर श्रेयान्, धर्मनाथ, शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और महावीर इसी स्वर्ग से च्युत होकर तीर्थङ्कर हुए थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 31-35 </span><span class="GRef"> महापुराण </span>के अनुसार यह अमृत स्वर्ग का एक विमान है । <span class="GRef"> महापुराण </span>57.14</p> | ||
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Revision as of 21:43, 5 July 2020
(1) रत्नपुर नगर का राजा एक विद्याधर । यह अपने पुत्र पद्मोत्तर के लिए श्रीकण्ठ की बहिन चाहता था, परन्तु श्रीकण्ठ ने अपनी बहिन पद्मोत्तर को न देकर पद्मोत्तर की बहिन पद्माभा को स्वयं विवाह लिया था । पद्मपुराण 6.7-52
(2) स्वर्ग । तीर्थङ्कर श्रेयान्, धर्मनाथ, शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और महावीर इसी स्वर्ग से च्युत होकर तीर्थङ्कर हुए थे । पद्मपुराण 20. 31-35 महापुराण के अनुसार यह अमृत स्वर्ग का एक विमान है । महापुराण 57.14
(3) अच्युत स्वर्ग का एक विमान । तीर्थङ्कर अनन्तनाथ पूर्वभव में इसी विमान में इन्द्र थे । महापुराण 60. 12-14