वेदनोपगमोद्भवध्यान: Difference between revisions
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<p> आर्तध्यान । यह वेदना के उत्पन्न होने पर होता है । इस ध्यान में वेदना नष्ट करने के विचार बार-बार उत्पन्न होते हैं । महापुराण 21.33, 35</p> | <p> आर्तध्यान । यह वेदना के उत्पन्न होने पर होता है । इस ध्यान में वेदना नष्ट करने के विचार बार-बार उत्पन्न होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 21.33, 35 </span></p> | ||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
आर्तध्यान । यह वेदना के उत्पन्न होने पर होता है । इस ध्यान में वेदना नष्ट करने के विचार बार-बार उत्पन्न होते हैं । महापुराण 21.33, 35