शुक्ललेश्या: Difference between revisions
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<p> छ: लेश्याओं में एक लेश्या । यह अहमिन्द्रों के होती है । इसके होने से अहमिन्द्रों का पर क्षेत्र में विहार नहीं होता । वे अपने ही प्राप्त भोगों से संतुष्ट रहते हैं । महापुराण 11. 141</p> | <p> छ: लेश्याओं में एक लेश्या । यह अहमिन्द्रों के होती है । इसके होने से अहमिन्द्रों का पर क्षेत्र में विहार नहीं होता । वे अपने ही प्राप्त भोगों से संतुष्ट रहते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 11. 141 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
छ: लेश्याओं में एक लेश्या । यह अहमिन्द्रों के होती है । इसके होने से अहमिन्द्रों का पर क्षेत्र में विहार नहीं होता । वे अपने ही प्राप्त भोगों से संतुष्ट रहते हैं । महापुराण 11. 141