श्रीचन्द्र: Difference between revisions
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<p> आगामी छठा बलभद्र । इन्हें महापुराण में नौवां बलभद्र कहा है । महापुराण 76.486, हरिवंशपुराण 60. 568</p> | <p> आगामी छठा बलभद्र । इन्हें <span class="GRef"> महापुराण </span>में नौवां बलभद्र कहा है । <span class="GRef"> महापुराण </span>76.486, <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 568 </span></p> | ||
<p id="2">(2) आठवें बलभद्र | <p id="2">(2) आठवें बलभद्र पद्म के पूर्वभव का नाम । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 233 </span></p> | ||
<p id="3">(3) कुरुवंशी एक राजा । यह मन्दर का पुत्र और सुप्रतिष्ठ राजा का पिता था । यह | <p id="3">(3) कुरुवंशी एक राजा । यह मन्दर का पुत्र और सुप्रतिष्ठ राजा का पिता था । यह जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र संबंधी कुरूजांगल देश में हस्तिनापुर नगर का राजा था । इसकी रानी श्रीमती थी । यह सुप्रतिष्ठ पुत्र को राज्य सौंपकर सुमन्दर यति से दीक्षित हुआ और अन्त में मुक्त हुआ । <span class="GRef"> महापुराण </span>70.51-53, <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34. 43-44, 45.11-12 </span></p> | ||
<p id="4">(4) किष्किन्ध नगर के राजा सुग्रीव का मंत्री । इसने कृत्रिम सुग्रीव के साथ युद्ध करने को तत्पर देखकर सुग्रीव को रीक दिया था । पद्मपुराण 47.57</p> | <p id="4">(4) किष्किन्ध नगर के राजा सुग्रीव का मंत्री । इसने कृत्रिम सुग्रीव के साथ युद्ध करने को तत्पर देखकर सुग्रीव को रीक दिया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 47.57 </span></p> | ||
<p id="5">(5) मेरु पर्वत की पश्चिम दिशा में स्थित प्रेमपुरी नगरी के राजा विपुलवाहन और रानी | <p id="5">(5) मेरु पर्वत की पश्चिम दिशा में स्थित प्रेमपुरी नगरी के राजा विपुलवाहन और रानी पद्मावती का राजपुत्र । इसने समाधिगुप्त मुनिराज से धर्मोपदेश सुनकर धृतिकान्त पुत्र को राज्य सौंपकर मुनि दीक्षा ले ली थी । अन्त में समाधिमरण करके यह ब्रह्म स्वर्ग का इन्द्र हुआ । इस स्वर्ग से चयकर यह दशरथ का पद्म (राम) नामक ज्येष्ठ पुत्र हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 106.75-76, 109-119, 172-173 </span></p> | ||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
आगामी छठा बलभद्र । इन्हें महापुराण में नौवां बलभद्र कहा है । महापुराण 76.486, हरिवंशपुराण 60. 568
(2) आठवें बलभद्र पद्म के पूर्वभव का नाम । पद्मपुराण 20. 233
(3) कुरुवंशी एक राजा । यह मन्दर का पुत्र और सुप्रतिष्ठ राजा का पिता था । यह जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र संबंधी कुरूजांगल देश में हस्तिनापुर नगर का राजा था । इसकी रानी श्रीमती थी । यह सुप्रतिष्ठ पुत्र को राज्य सौंपकर सुमन्दर यति से दीक्षित हुआ और अन्त में मुक्त हुआ । महापुराण 70.51-53, हरिवंशपुराण 34. 43-44, 45.11-12
(4) किष्किन्ध नगर के राजा सुग्रीव का मंत्री । इसने कृत्रिम सुग्रीव के साथ युद्ध करने को तत्पर देखकर सुग्रीव को रीक दिया था । पद्मपुराण 47.57
(5) मेरु पर्वत की पश्चिम दिशा में स्थित प्रेमपुरी नगरी के राजा विपुलवाहन और रानी पद्मावती का राजपुत्र । इसने समाधिगुप्त मुनिराज से धर्मोपदेश सुनकर धृतिकान्त पुत्र को राज्य सौंपकर मुनि दीक्षा ले ली थी । अन्त में समाधिमरण करके यह ब्रह्म स्वर्ग का इन्द्र हुआ । इस स्वर्ग से चयकर यह दशरथ का पद्म (राम) नामक ज्येष्ठ पुत्र हुआ । पद्मपुराण 106.75-76, 109-119, 172-173