जुंभक: Difference between revisions
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
(1) इस जाति का एक देव । पूर्वभव के स्नेहवश इसने नारद का वैताढ्य पर्वत की मणिकांचन गुहा में दिव्य आहार से पालन किया था । पद्मपुराण 11. 151-158, हरिवंशपुराण 42.16-18
(2) देवों की एक जाति । इस जाति के देव बलदेव के पुत्रों तथा अन्य चरमशरीरियों को जिनेन्द्र के पास ले गये थे । हरिवंशपुराण 61. 92