अनुवृत्ति: Difference between revisions
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<p> सर्वार्थसिद्धि अध्याय 1/33140/9 द्रव्यं सामान्यमुत्सर्गः अनुवृत्तिरित्यर्थः।</p> | <p class="SanskritText">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 1/33140/9 द्रव्यं सामान्यमुत्सर्गः अनुवृत्तिरित्यर्थः।</p> | ||
<p>= द्रव्यका अर्थ सामान्य उत्सर्ग और अनुवृत्ति है।</p> | <p class="HindiText">= द्रव्यका अर्थ सामान्य उत्सर्ग और अनुवृत्ति है।</p> | ||
<p> स्याद्वादमंजरी श्लोक 4/16/2 एकाकारप्रतीतिरेकशब्दवाच्यता चानुवृत्तिः।</p> | <p class="SanskritText">स्याद्वादमंजरी श्लोक 4/16/2 एकाकारप्रतीतिरेकशब्दवाच्यता चानुवृत्तिः।</p> | ||
<p>= एक नामसे जाननेवाली प्रतीतिको अनुवृत्ति अथवा सामान्य कहते हैं। किसी धर्मकी विधिरूपसे वृत्ति या अनुस्यूतिको अनुवृत्ति कहते हैं। जैसे घटमें घटत्वकी अनुवृत्ति है।</p> | <p class="HindiText">= एक नामसे जाननेवाली प्रतीतिको अनुवृत्ति अथवा सामान्य कहते हैं। किसी धर्मकी विधिरूपसे वृत्ति या अनुस्यूतिको अनुवृत्ति कहते हैं। जैसे घटमें घटत्वकी अनुवृत्ति है।</p> | ||
<p>( न्यायदीपिका अधिकार 3/$76)।</p> | <p>( न्यायदीपिका अधिकार 3/$76)।</p> | ||
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Revision as of 13:46, 10 July 2020
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 1/33140/9 द्रव्यं सामान्यमुत्सर्गः अनुवृत्तिरित्यर्थः।
= द्रव्यका अर्थ सामान्य उत्सर्ग और अनुवृत्ति है।
स्याद्वादमंजरी श्लोक 4/16/2 एकाकारप्रतीतिरेकशब्दवाच्यता चानुवृत्तिः।
= एक नामसे जाननेवाली प्रतीतिको अनुवृत्ति अथवा सामान्य कहते हैं। किसी धर्मकी विधिरूपसे वृत्ति या अनुस्यूतिको अनुवृत्ति कहते हैं। जैसे घटमें घटत्वकी अनुवृत्ति है।
( न्यायदीपिका अधिकार 3/$76)।