ऐरावत क्षेत्र: Difference between revisions
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<p>राजवार्तिक अध्याय 3/10/20/181/26 रक्तारक्तोदयोः बहुमध्यदेशभाविनी अयोध्या नाम नगरी। तस्यामुत्पन्न ऐरावतो नाम राजा। तत्परिपालत्वाज्जनपदस्यैरावताभिधानम्।</p> | <p class="SanskritText">राजवार्तिक अध्याय 3/10/20/181/26 रक्तारक्तोदयोः बहुमध्यदेशभाविनी अयोध्या नाम नगरी। तस्यामुत्पन्न ऐरावतो नाम राजा। तत्परिपालत्वाज्जनपदस्यैरावताभिधानम्।</p> | ||
<p>= रक्ता तथा रक्तोदा नदियोंके बीच अयोध्या नगरी है। इसमें एक ऐरावत नामका राजा हुआ है। उसके द्वारा परिपालित होनेके कारण इस क्षेत्रका नाम ऐरावत पड़ा है। ऐरावत क्षेत्रका लोकमें अवस्थानादि-देखें [[ लोक#3 | लोक - 3]],3।</p> | <p class="HindiText">= रक्ता तथा रक्तोदा नदियोंके बीच अयोध्या नगरी है। इसमें एक ऐरावत नामका राजा हुआ है। उसके द्वारा परिपालित होनेके कारण इस क्षेत्रका नाम ऐरावत पड़ा है। ऐरावत क्षेत्रका लोकमें अवस्थानादि-देखें [[ लोक#3 | लोक - 3]],3।</p> | ||
<p>• ऐरावत क्षेत्रमें काल परिवर्तन आदि-देखें [[ भरत क्षेत्र ]]।</p> | <p>• ऐरावत क्षेत्रमें काल परिवर्तन आदि-देखें [[ भरत क्षेत्र ]]।</p> | ||
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Revision as of 13:48, 10 July 2020
राजवार्तिक अध्याय 3/10/20/181/26 रक्तारक्तोदयोः बहुमध्यदेशभाविनी अयोध्या नाम नगरी। तस्यामुत्पन्न ऐरावतो नाम राजा। तत्परिपालत्वाज्जनपदस्यैरावताभिधानम्।
= रक्ता तथा रक्तोदा नदियोंके बीच अयोध्या नगरी है। इसमें एक ऐरावत नामका राजा हुआ है। उसके द्वारा परिपालित होनेके कारण इस क्षेत्रका नाम ऐरावत पड़ा है। ऐरावत क्षेत्रका लोकमें अवस्थानादि-देखें लोक - 3,3।
• ऐरावत क्षेत्रमें काल परिवर्तन आदि-देखें भरत क्षेत्र ।