कालानुयोग 02: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 83: | Line 83: | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr> | <tr> | ||
<td width="286" valign="top"><p> | <td width="286" valign="top"><p>अंतर्मु॰ </p></td> | ||
<td width="606" valign="top"><p> | <td width="606" valign="top"><p>अंतर्मुहूत</p></td> | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr> | <tr> |
Revision as of 16:21, 19 August 2020
- कालानुयोग विषयक प्ररूपणाएँ
- सारणी में प्रयुक्त संकेतों का परिचय
अप॰ |
लब्ध्यपर्याप्त |
अव॰ |
अवसर्पिणी |
असं॰ |
असंख्यात |
उत॰ |
उत्सर्पिणी |
उप॰ |
उपशम |
तिर्य॰ |
तिर्यंच |
प॰ |
पर्याप्त |
पल्य/असं॰ |
पल्य का असंख्यातवाँ भाग |
पृ॰ |
पृथिवी |
मनु॰ |
मनुष्य |
मिथ्या॰ |
मिथ्यात्व |
सम्य॰ |
सम्यक्त्व |
सा॰ |
सागर |
को॰पू॰ |
क्रोड़ पूर्व |
पू॰को॰ |
पूर्व क्रोड़ |
1,2,3,4 |
वह वह गुणस्थान |
28 ज॰ |
28 प्रकृतियों की सत्ता वाला कोई मिथ्यादृष्टि या वेदक सम्यग्दृष्टि जीव सामान्य |
पूर्व |
70560000000000 वर्ष |
अंतर्मु॰ |
अंतर्मुहूत |
को॰को॰सा॰ |
कोड़ाकोड़ी सागर |
ज॰ |
जघन्य |
उ॰ |
उत्कृष्ट |